The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
शिव चालीसा भगवान भोलेशंकर को समर्पित है। इस शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से महादेव आशीर्वाद प्रदान करते है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करते है।
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
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अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप Shiv chaisa अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का Shiv chaisa पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
मुण्डमाल तन क्षार more info लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥